कोरोना प्रभावित 12 देशों की यात्रा कर हाल ही में वापस लौटे 216 यात्रियों में से सिर्फ 40 लोगों तक ही स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच पाई है। उनमें से किसी भी यात्री में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर उन्हें 14 दिन तक आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। अन्य 176 के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। इन यात्रियों में से एक व्यक्ति शनिवार को जिला एमएमजी अस्पताल में बने हेल्प डेस्क पर स्वयं पहुंच गया। वहां पर उसे सर्दी व खांसी जुकाम की दवाएं देने के साथ ही आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई।
सीएमओ डॉ. एनके गुप्ता ने बताया कि तीन दिन पहले विभाग को शासन से 216 लोगों की सूची भेजी गई है। ये सभी कोरोना प्रभावित हाई रिस्क वाले 12 देशों से लौटकर आए हैं। इनमें से कई लोगों को वापस लौटे 20 दिन से भी ज्यादा हो चुके हैं और कुछ लोग चार या पांच दिन पहले ही वापस लौटे हैं। शासन को उनके पासपोर्ट के आधार पर एड्रेस मुहैया करवाए गए हैं, लेकिन उसमें से किसी भी यात्री का मोबाइल नंबर नहीं है। इनके लिए रेपिड रिस्पॉन्स टीमों को निर्देशित किया गया है। संक्रामक रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. आरके यादव ने बताया कि बाकी लोगों को ट्रैक करने के लिए डब्ल्यूएचओ की जिले में कार्यरत टीम से सहायता ली जा रही है।
लंदन से वापस आया व्यक्ति पहुंचा अस्पताल
पांच दिन पहले लंदन से लौटा एक व्यक्ति शनिवार सुबह जिला एमएमजी अस्पताल पहुंच गया। अस्पताल में कोरोना हेल्प डेस्क पर उसने अपनी ट्रैवल हिस्ट्री बताते हुए खांसी, जुकाम की शिकायत की। उसे दवा देते हुए संक्रामक रोग विभाग की टीम को सूचना दी गई। विभाग की टीम ने उसकी काउंसलिंग की और आइसोलेशन वार्ड में भर्ती रहने की सलाह दी। इस पर संदिग्ध ने भर्ती होने से इनकार कर दिया और घर चला गया। विभाग की ओर से उसके घर एंबुलेंस और मेडिकल टीम को भेजा गया। जहां उसकी काउंसलिंग के बाद उसे घर में ही आइसोलेट होने की सलाह दी गई। डॉ. आरके यादव ने बताया कि फिलहाल संदिग्ध में कोरोना का कोई लक्षण नहीं है, इसलिए उसे होम आइसोलेट किया गया है। यदि लक्षण उभरते हैं उसे अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में भर्ती किया जाएगा।
विदेश से आए २१६ में ४० ही ढूढ पाया स्वास्थ्य विभाग