ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए गाज़ियाबाद को मिलेंगे ₹10 करोड़

गाज़ियाबाद जिले को इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) लगाने के लिए राज्य स्मार्ट सिटी मिशन से दस करोड़ रुपये दिए जाएंगे। गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण सभागार में बृहस्पतिवार को कमिश्नर अनीता सी मेश्राम की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्मार्ट सिटी मिशन की बैठक में यह निर्णय हुआ। यह भी तय हुआ कि पहले चरण में आठ में से छह विभागों के प्रोजेक्ट पर काम किया जाएगा।


शहर को जाम मुक्त बनाने के लिए आइटीएमएस प्रोजेक्ट पर सबसे पहले हिडन एलिवेटेड रोड से हिडन टर्मिनल तक काम शुरू हुआ है। इस प्रोजेक्ट की लागत 69.95 करोड़ रुपये है। एक निजी कंपनी को 111 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल और पीटीजेड (पैन टिल्ट जूम) कैमरे लगाने हैं। 300 व्हीकल डिटेक्शन कैमरे, 15 चौराहों पर रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) और नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे (एनपीआर) कैमरे लगेंगे। यातायात नियम तोड़ने पर ई-चालान भेजा जाएगा। 82 स्थानों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगना है। जीडीए को इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में फंड की दिक्कत आ रही थी।


बृहस्पतिवार को बैठक में तय हुआ कि है नगर निगम दस करोड़ रुपये का अंशदान जल्द देगा। इसके अलावा दो किस्तों में दस करोड़ रुपये राज्य स्मार्ट सिटी मिशन से दिए जाएंगे। साथ ही कमिश्नर ने निर्देश दिया है कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एक या दो कॉरिडोर पर आइटीएमएस का परीक्षण किया जाए। सफलता मिलने पर सभी सड़कों पर इसे लगाया जाए। नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है कि वह 33 चौराहों पर सिग्नल मेंटेन कर रही बीओटी फर्म को समझाएं, ताकि आइटीएमएस में व्यवधान न पड़े।


महामाया स्पो‌र्ट्स स्टेडियम के पीछे नगर निगम की 28 एकड़ भूमि पर जीडीए पिकनिक स्पॉट बनाएगा। राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के पहले चरण में इस प्रोजेक्ट को स्वीकृत किया गया है। इस जगह 2.50 एकड़ क्षेत्रफल में प्राकृतिक झील बनाई जाएगी। चार पॉकेट विकसित की जाएंगी। जिसमें नक्षत्र वाटिका, वसंत वाटिका, शरद वाटिका और नवग्रह वाटिका बनाई जाएंगी। 2.50 किलोमीटर का कच्चा और दो किलोमीटर का पक्का रास्ता बनाया जाएगा। इसे बनाने में आठ करोड़ रुपये की लागत आएगी।


उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वॉशिग मशीन, एसी, पावर केबल, प्रिटेड सर्किट बोर्ड, रेफ्रिजिरेटर समेत इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट रिसाइक्लिग के लिए प्लांट लगाने को मंजूरी दे दी है। इस प्लांट को लगाने के लिए बोर्ड ने नगर निगम से 2500 वर्ग मीटर भूमि मांगी है। प्रस्ताव के मुताबिक प्लांट में रोजाना पांच मीट्रिक टन ई-वेस्ट को रिसाइकिल किया जाएगा। इस प्लांट को लगाने में 10.57 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह पहला सरकारी ई-वेस्ट राइक्लिग प्लांट होगा।