राजनगर के ग्राउंड वाटर में हेक्सावैलेंट क्रोम मिलने से मचे हड़कंप के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सक्रिय हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अब राजनगर सेक्टर-2 और 3 के विभिन्न स्थानों के ग्राउंड वाटर की जांच कराएंगे। बोर्ड के एक्सपर्ट्स ने राजनगर में 12 स्थानों से पानी के सैंपल लिए। उन्होंने इन सैंपल को जांच के लिए भेजा है। क्रॉस जांच की रिपोर्ट में भी हेक्सावैलेंट क्रोम मिला तो यहां सबमर्सिबल के पानी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
राजनगर सेक्टर-2 और तीन में कई मकानों में लगे सबमर्सिबल से हरे रंग का पानी निकल रहा है। बीते दिनों राजनगर सेक्टर -2 निवासी शेखर यादव ने कई मकानों से पानी के सैंपल लेकर लैब में इनकी जांच कराई थी। जांच में राजनगर में टीडीएस की मात्रा 930 से एक हजार तक और हैक्सावैलेंट क्रोम की मात्रा 0.80 तक पाई गई। यह मात्रा 0.10 मिग्रा/लीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पानी में खतरनाक और कैंसर को जन्म देने वाले केमिकल मिलने के समाचार को ‘अमर उजाला’ 29 और 30 जनवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने इसका संज्ञान लिया और राजनगर के उन घरों में पहुंची जहां से लिया गया पानी का सैंपल फेल पाया गया था। टीम ने सेक्टर-2 और 3 के उन तीन मकानों के अलावा आसपास के अन्य मकानों से भी भूजल के सैंपल लिए हैं। इसके अलावा नगर निगम की ओर से लगाए गए सरकारी हैंडपंप से भी पानी के सैंपल लिए गए हैं। इन सैंपल की जांच रिपोर्ट तीन दिन में आ जाएगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद ही पुष्टि हो पाएगी कि राजनगर के पानी में कौन-कौन से हैवी मेटल्स हैं। उसमें हैक्सावैलेंट क्रोम है या नहीं।
सैंपल लेने के लिए फिर से चालू कराए सबमर्सिबल पंप
पानी में हैक्सावैलेंट क्रोम की मात्रा ज्यादा पाए जाने और उसका रंग बदलने के बाद कई घरों में सबमर्सिबल पंप बंद करा दिए गए थे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पानी केसैंपल लेने के लिए इन सबमर्सिबल पंप को दोबारा चालू कराया गया। इसके बाद पानी के नमूने एकत्र किए गए।
मुख्यमंत्री को भेजेंगे रिपोर्ट
भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट और मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र में चोरी-छिपे खतरनाक केमिकल ग्राउंड वाटर में छोड़े जाने की शिकायत मुख्यमंत्री को भेजेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम के अधिकारी समय-समय पर सैंपलिंग कराते तो ऐसी नौबत आती ही नहीं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से फैक्ट्रियां ईटीपी (इफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट) का संचालन बंद कर गंदगी को सीधे भूजल में मिला रही हैं।
राजनगर के दो और तीन सेक्टर व मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र में 12 अलग-अलग स्थानों से पानी के सैंपल लिए गए हैं। इन नमूनों को जांच के लिए लैब भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। कई अन्य स्थानों से भी सैंपल लिए जाएंगे। - उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
राजनगर में 12 स्थानों से पानी के सैंपल लेकर जांच को भेजे