गाज़ियाबाद की 208 अवैध कॉलोनियाँ होंगी नियमित, योगी सरकार ने दिया निर्देश

गाजियाबाद की 208 अवैध कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा। दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी इसके लिए नीति बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नई नीति के प्रारंभिक प्रारूप के मुताबिक शमन के दायरे में आने वालों को ही वैध किया जाएगा। सरकारी जमीन पर किए गए या पूरी तरह से अवैध घोषित निर्माण तोड़े जाएंगे।


नीति बनने के बाद गाजियाबाद की साढ़े तीन लाख से ज्यादा आबादी को इससे सीधा फायदा होगा। पिछले साल कराए गए सर्वे के मुताबिक अवैध कॉलोनियों के मामले में गाजियाबाद, मेरठ व लखनऊ जैसे शहर सबसे आगे हैं। इससे प्रदेश की तकरीबन दो करोड़ की आबादी को राहत मिलने की उम्मीद है। आवास विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पहले की अपेक्षा यह नीति काफी सरल बनाई जा रही है। कम शुल्क पर इनको वैध किया जाएगा।


इसके दायरे में मामूली अवैध निर्माण करने वाले ही आएंगे। पार्किंग का स्थान न छोड़ने, सेटबैक वाले स्थान पर निर्माण करने या फिर एक-आध मंजिला अतिरिक्त निर्माण कराने वालों को इसके दायरे में लाने की योजना है। इसी तरह शहरों में बसी अवैध कालोनियों को नोटिस देकर वैध कराने का मौका दिया जाएगा।


वैध कराने पर कालोनियों में बेहतर सुविधा :
वैध कराने पर कॉलोनियों में बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। सड़क, नाली और अन्य जनसुविधाएं विकसित की जाएंगी। ऐसी कॉलोनियों को नियमित करने के बाद सामुदायिक केंद्र भी बनवाए जाएंगे। आवास विभाग का मानना है कि इससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। शहरों में तेजी से आबादी बढ़ने की वजह से अवैध कालोनियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
खासकर बड़े महानगरों में प्रॉपर्टी डीलर के चंगुल में फंसकर लोग बिना लेआउट पास कराए सोसाइटी में जमीन लेकर फंस जाते हैं। प्रॉपर्टी डीलर ऐसी कॉलोनियों में जमीन बेचने के बाद विकास का कोई भी काम नहीं कराते हैं।


नए सिरे से फिर सर्वे होगा :
आवास विभाग नीति लाने से पहले सभी शहरों में नए सिरे से सर्वे कराएगा। इसमें यह पता लगाया जाएगा कि शहरों में कितने अवैध निर्माण हैं और कितनी अवैध कालोनियां हैं। इसके आधार पर तय किया जाएगा कि कितनों को वैध किया जा सकता है। अवैध निर्माण के हिसाब से वैध करने का शुल्क तय होगा।


बेहतर सुविधाएं मिलेंगी :
इससे लोगों को उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी, साथ ही लोग निगम और प्राधिकरणों के अधिकारियों के शोषण से बच सकेंगे। इसीलिए कॉलोनियों को नियमित करने की नीति नए सिरे से तैयार की जा रही है।
आवास विभाग ने पिछले साल अगस्त में गाजियाबाद समेत प्रदेश के सभी शहरों में सर्वे कराया था। इसकी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश भर में 2600 से अवैध कालोनियां चिह्नित की गई थीं। गाजियाबाद में आरके पुरम, बालाजी एन्क्लेव, पसौंडा, अर्थला, भोपुरा, नंदग्राम और आकाश नगर में हजारों अवैध मकान बने हुए हैं, जिन्हें समय-समय पर ध्वस्त करने के लिए प्राधिकरण अभियान चलाता है।