दोस्त ने कैब चालक को उतारा मौत के घाट, आलाकत्ल बरामद

कविनगर थानाक्षेत्र के लालकुआं निवासी कैब चालक की पैसों के लेनदेन में हत्या कर दी गई। घटना को चालक के ही दोस्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। कैब चालक गत 1 जनवरी से लापता चल रहा था। पुलिस को गुमराह करने के लिए आरोपी दोस्त पुराने मामले में जमानत तुड़वाकर जेल चला गया तो पुलिस को शक हुआ। बृहस्पतिवार को आरोपी को जेल से पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त सरिया (सब्बल) बरामद कर लिया। आरोपी व उसके साथियों ने हापुड़ के सिंभावली क्षेत्र में हत्या कर शव नहर में फेंक दिया था।
मूलरूप से थाना सलेमपुर (बुलंदशहर) के गांव रंगपुर निवासी मनोज गिरी (26) पुत्र संत गिरी कैब चलाता था। वह अपने दोस्त थाना किठौर (मेरठ) के गांव मिश्रीपुर निवासी कैलाश के साथ कविनगर थानाक्षेत्र के लालकुआं क्षेत्र में बाल ज्योति स्कूल के पास किराए के मकान में रहता था। पुलिस के मुताबिक रंगपुर के ही रहने वाले योगेश गिरी पर मनोज के साढ़े 5 लाख रुपये थे। योगेश गाजियाबाद की पंचशील कॉलोनी में रहता है। दोनों करीब डेढ़ साल से दोस्त थे और एक-दूसरे से पैसों का लेनदेन था। मनोज पैसे लौटाने के लिए बार-बार तगादा कर रहा था, जबकि योगेश हर बार कोई न कोई बहाना बना देता था। इस बात को लेकर दोनों में पूर्व में कहासुनी भी हुई थी। पैसे न लौटाने पड़ें, इसके लिए योगेश ने मनोज को मौत के घाट उतारने की योजना बना डाली।
नए साल की पार्टी के बाद मनोज को सिंभावली ले गए
पुलिस के मुताबिक गत एक जनवरी को मनोज, उसका रूम पार्टनर व दो अन्य लोग कमरे पर नए साल की पार्टी कर रहे थे। इस दौरान योगेश आ गया। मनोज ने उससे पैसे मांगे तो उसने कहा कि वह पार्टी के बाद पैसे दे देगा। पार्टी के बाद दो अन्य लोग तो चले गए, लेकिन कैलाश व मनोज कमरे पर रह गए। रात करीब 11 बजे योगेश फिर से आया और पैसे देने के बहाने उसे कैलाश के साथ ले गया।
पूर्व में ही बन गई थी प्लानिंग, रूममेट भी था शामिल
पुलिस के मुताबिक पार्टी से पहले ही योगेश ने प्लानिंग कर ली थी कि अगर मनोज ने तगादा किया तो वह उसे मौत के घाट उतार देगा। इस योजना में उसने कैलाश को भी शामिल कर लिया था। पार्टी के बाद मनोज ने फिर से तगादा किया तो योगेश व कैलाश मनोज को उसी की बाइक पर लेकर हापुड़ जिले के सिंभावली थानाक्षेत्र में पहुंच गए। योगेश ने कहा था कि वह अपने रिश्तेदार से पैसे लेकर उसे देगा। पुलिस का कहना है कि 1 जनवरी की रात को ही कैलाश व योगेश ने सिंभावली में सरिया (सब्बल) से सिर में ताबड़तोड़ प्रहार कर मनोज को मौत के घाट उतार दिया और शव नहर में फेंक दिया। मनोज की बाइक को आरोपी वापस गाजियाबाद आकर लालकुआं चौकी के पास खड़ी कर गए थे।
4 जनवरी को गुमशुदगी, 14 में हत्या में बदला केस
परिजनों ने 4 जनवरी को कविनगर थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया था। वहीं, सिंभावली में शव मिलने की सूचना पर परिजनों ने वहां पहुंचकर मृतक की शिनाख्त मनोज गिरि के रूप में की। सिंभावली पुलिस इससे पहले ही शव का लावारिस में अंतिम संस्कार कर चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने 14 जनवरी को हत्या में तरमीम कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। इसी दौरान पता चला कि मनोज के संपर्क में रहने वाला योगेश गत वारदात के सप्ताह भर बाद 9 जनवरी को पुराने मामले में जमानत तुड़वाकर जेल चला गया है तो पुलिस को शक हो गया।
योगेश के भाई भी षड्यंत्र में थे शामिल, जेल भेजे
पुलिस के मुताबिक योगेश के भाई दुर्गा व श्याम भी वारदात में शामिल निकले। पूछताछ करने पर उन्होंने घटना कबूल कर ली, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। कविनगर पुलिस ने बताया कि बृहस्पतिवार को योगेश को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया। सिंभावली में नहर किनारे झाड़ियों से हत्या में प्रयुक्त सरिया बरामद कर उसे जेल भेज दिया गया।
इनसेट ..
पत्नी की होने वाली है डिलीवरी
मनोज की शादी को करीब साढ़े चार साल हुए हैं। उसका एक बेटा भी है। मनोज की पत्नी गर्भवती है और कभी भी डिलीवरी हो सकती है, इसीलिए परिजनों ने मनोज की हत्या की बात छिपाई थी। मनोज के भाई धर्मेश गिरी ने बताया कि योगेश ने दोस्ती में दगा किया और मनोज के रूममेट ने भी उसका साथ दिया। भगवान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।