एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। जल्द ही उन्हें इलाज के दौरान प्रतिदिन लगने वाले इंजेक्शन से छुटकारा मिल जाएगा। शासन ने एमडीआर मरीजों को राहत देने के लिए इंजेक्शन की जगह दवा शुरू करने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक देश को क्षय रोग से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया है। इससे पहले क्षय रोगियों का निशुल्क उपचार कर हर संभव मदद की जा रही है। साथ ही इनके लिए अनेक योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं। अब एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) मरीजों के इलाज के लिए नई योजना बनाई है। इसमें मरीजों को काफी राहत मिलेगी और वो बिना किसी परेशानी के अपना इलाज पूर्ण कर सकेंगे। एमडीआर रोगियों का अब तक छह माह प्रतिदिन इंजेक्शन लगाकर उपचार किया जाता है। प्रतिदिन इंजेक्शन लगाने के लिए संबंधित मरीजों को केंद्र पर ही आना पड़ता है। इसके लिए शासन द्वारा प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। बावजूद इसके मरीज उपचार बीच में छोड़ देते हैं, जिससे उनकी बीमारी कम होने की जगह बढ़ जाती है। जिले में ऐसे काफी मरीज हैं जो अपना उपचार बीच में छोड़ चुके हैं। जनपद समेत अन्य जनपदों से प्रतिमाह रिपोर्ट मिलने पर अब उच्च अधिकारियों ने इंजेक्शन के भय को देखते हुए बिना इंजेक्शन के मरीजों का उपचार करने का निर्णय लिया है। ऐसे मरीजों को अधिक दिन तक इंजेक्शन लगवाने की जगह दवा खानी होगी। जो जिले में जल्द शुरू होने की संभावना है।
डॉ. केएन तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी बुलंदशहर - क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए अनेक योजनाएं चल रही हैं। मरीज इंजेक्शन के साथ दवा खाने में भी लापरवाही बरत रहे हैं। एमडीआर मरीजों को अब इंजेक्शन की जगह दवा देकर उपचार किया जाएगा।
अब एमडीआर मरीजों को इंजेक्शन से मिलेगा छुटकारा