करीब 50 प्रतिशत महिलाएं प्रसव के बाद का दर्द झेलती हैं। इसमें गर्भ की थैली, ब्लैडर अपने तय स्थान से नीचे आ जाते हैं। इससे असहनीय दर्द होता है। महिलाएं शर्म की वजह से इसे छिपाती हैं। महज एक प्रतिशत महिलाएं ही उपचार कराती हैं। प्रसव के एक महीने बाद यह पीड़ा होती है। यह बात ऑस्ट्रेलिया से आए डॉ. अजय राणे ओम ने कही। वह स्मृति उपवन में चल रहे 63वीं ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी (एआईसीओजी 2020) के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को अपनी बात रख रहे थे।
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