मानकों को ताक पर रखकर एकल यूनिट भूखंड पर तादात से अधिक फ्लैट बनाने के मामले में जीडीए जोन-सात के राजेंद्रनगर में बड़ी लापरवाही सामने आई है। एकल यूनिटों के जांच के बढ़ते दायरे में आए राजेंद्रनगर में बड़े पैमाने पर बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन हुआ है। निर्माणाधीन बिल्डिंगों की जांच में एक यूनिट पर 15 से 20 फ्लैटों का निर्माण होता मिला। जीडीए उपाध्यक्ष ने जोन-सात प्रवर्तन अनुभाग के तीन सुपरवाइजर को निलंबित कर दिया है। जोन-सात के जेई मनोज वरिष्ठ के निलंबन की शासन को संस्तुति की गई है। निलंबित किए गए सुपरवाइजर में रणजीत सिंह, रजनीश शर्मा और अजीत राणा शामिल हैं। उधर, इसी सप्ताह 10 निर्माणाधीन बिल्डिंगों पर सील करने की कार्रवाई होगी।
वहीं, जोन-सात के प्रवर्तन प्रभारी आरपी सिंह और सहायक प्रभारी मनोज सागर को जोन से हटा दिया गया है। जोन-सात में जीडीए की ओर से अवैध निर्माण पर नजर रखने को गठित की गई कमेटी की ओर से 10 निर्माणाधीन बिल्डिंगों की जांच में यह मामला सामने आया। इन बिल्डिंगों में सबसे कम एकल यूनिट पर 15 और अधिकांश 20 फ्लैटों का निर्माण होते हुए पाया गया। ऐसे में अब जीडीए इन निर्माणाधीन बिल्डिंगों के बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी कर रहा है। जीडीए की लगातार जारी कार्रवाई से बिल्डरों के साथ जीडीए अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जोन-सात में जांच का दायरा और बढ़ने से अवैध निर्माण का पता चलेगा।